क्योंकि पहेली बार में कुछ बोलने आया हूँ।
अपने दिलमे छुपे कई राज खोलने आया हूँ।
क्योंकि बड़े दिनों के बाद आज हिम्मत आयी है।
इस लिए अपनी दिल की बात ज़ाहिर करने आया हूँ।
हा में नर्वस हु।
क्योंकि चाहता हूं कि अपनी बात पूरी दुनिया को बतानी है।
पर क्या करूँ ऐ दोस्त मेरी ज़ुबान बहुत लड़खडाती है।
क्योंकि इस बीमारी के कारण बचपनसे ही सबसे अलग रहता हूँ।
आखरी बेन्च पे बैठ कर मनहि मन रोलिया करता हूँ।
हा में नर्वस हु।
क्योंकि खडे होकर बोलने की हिम्मत मेरेमे नही है।
इस लिए कई परभी गीत गुनगुना लिया करता हूँ।
क्योंकि मेरे सारे दोस्त मुझे चिड़ाते है कि तुम एकदम फट्टू हो।
पर आज उन सबको इट का जवाब पत्थर से देने आया हु।
अब में नर्वस नही हूँ।
क्योंकि अब फ़र्क नही पड़ता कि सब लोग क्या सोचेंते है।
अब फर्क नही पड़ता कि लोग पीठ पीछे क्या बोलते है।
बहोत ज़िली ज़िंदगी डर डर के ।
आज मेरे जेसे को inspire करने आया हूँ।
।।।।।।।।।।।विजय।।।।।।।।।।।
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